इंश्योरेंस का मतलब होता हैं एक प्रिमियम के द्वारा आने वाले खतरो से अपने लाइफ और प्रोपर्टी को सुरक्षित करना। यह प्रिमियम आप मंथली या ईयरली इंस्टॉलमेंट के द्वारा इंश्योरेंस कंपनी को दे सकते हैं। इंश्योरेंस के द्वारा आप अपने लाइफ और प्रोपर्टी से जुडे रिस्क को कवर कर सकते हैं। इंश्योरेंस एक ऐसी व्यवस्था हैं जिसमे कोई भी इंश्योरेंस कंपनी आपकी किसी प्रकार के नुकसान जैसे बिमारी, दुर्घटाना, या मृत्यु में आपको मुवाबाज़ा देने की गारंटी देता है। अगर आप इंश्योरेंस को समझना चाहते हैं एवं types of Insurance के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
इंश्योरेंस एक लीगल एग्रीमेंट हैं. यह इंश्योरेंस कंपनी और इंश्योरेंस करवाने वाले व्यक्ति के बीच होता हैं। इस एग्रीमेंट के अनुसार जब कोई व्यक्ति इंश्योरेंस कंपनी से अपना बीमा करवाता हैं तो फ्यूचर में होने वाले नुकसान की भरपाई टर्म एंड कंडीशन के अनुसार इंश्योरेंस कम्पनी करती हैं। इंश्योरेंस एग्रीमेंट के अनुसार कम्पनी के द्वारा बीमित व्यक्ति से एक फिक्स अमाउंट लिया जाता हैं जिसे प्रिमियम कहते है। प्रिमियम लेने के बाद बीमित व्यक्ति को किसी प्रकार का लॉस होता हैं तो इंश्योरेंस के टर्म एंड कंडीशन और पॉलिसी के हिसाब से उसकी भरपाई की जाती हैं। जैसे-किसी कार या घर का इंश्योरेंस कराया गया हैं तो उसके नुकसान पर टर्म एंड कंडीशन के अनुसार इंश्योरेंस कम्पनी के तरफ़ से मुवाबाज़ा दिया जाता हैं।
यह मुख्यत दो प्रकार का होता है लाइफ इंश्योरेंस और जेनरल इंश्योरेंस।
हमारा जीवन बहुत ही कीमती है और आज के समय में जीवन में कब क्या हो जायेगा यह किसी को पता नहीं रहता हैं. इसलिए हर व्यक्ति को जीवन बीमा करवाना चाहिए। भाग-दौड़ भरे इस जीवन में अपने कीमती चीजों का बीमा करवाने से आपको आर्थिक लाभ मिल सकता है. इसके मुख्यत चार प्रकार होते हैं।
Term insurance में धारक को किसी निश्चित अवधि के दौरान मृत्यु पर ही राशि दी जाती हैं। बीमा कि अवधि में अगर धारक की मृत्यु हो जाती हैं। तो उस बीमा की रकम उसके वारिश को या जिनका नाम नोमनी में होता हैं उसे दिया जाता हैं। जैसे-कोई व्यक्ति 60 साल तक का बीमा करवाया है. अगर उसकी मृत्यु उससे पहले होती हैं तो टर्म एंड कंडीशन पॉलिसी के हिसाब से उसके नॉमनी को पैसे मिलते हैं। अगर वह व्यक्ति 60 साल से अधिक जीवन वेयक्तित कर लेता है तो उसे या नोमनी को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नही मिलती है।
Whole life insurance एक प्रकार का परमानेंट लाइफ इंश्योरेंस हैं। यह बीमित व्यक्ति और इंश्योरेन्स कंपनी के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होता हैं. जहां बीमित व्यक्ति को प्रिमियम का भूगतान करना होता है और बदले में इंश्योरेंस कंपनी उन्हे लाइफटाइम्स कवर प्रदान करती हैं। whole life insurance 100 वर्ष आयु तक कवर करता है यदि पॉलिसी की ड्यूरेशन समाप्त होने से पहले उस बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसे मृत्यु लाभ के रूप में राशी मिलती हैं। whole life insurance बीमित व्यक्ति को एक चिंतामुक्त लाइफ प्रदान करता है।
यूनिवर्सल लाइफ इंश्योरेंस एक प्रकार का स्थाई जीवन बीमा हैं। यूनिवर्सल लाइफ इंश्योरेंस के साथ बीमित व्यक्ति अपने जीवन की अवधि के लिए कवर किया जाता हैं और इसमें जब तक प्रिमियम का भूगतान किया जाता हैं तब तक कवरेज बनाए रखने के लिए अपनी पॉलिसी के हिसाब से किसी भी अन्य आवश्यकताओं को इंश्योरेंस कंपनी पूरा करती हैं।
यूनिवर्सल लाइफ इंश्योरेंस नकद मूल्य के साथ आजीवन सुरक्षा प्रदान करती हैं। इसमें प्रिमियम को बढ़ाने और कम करने की सुविधा दी जाती है।
वैरिएबल लाइफ इंश्योरेंस एक निवेश के साथ एक स्थाई लाइफ इंश्योरेंस हैं। इसमें एक नकद मूल्य खाता होता हैं जिसे पॉलिसी के हिसाब से उपलब्ध कई उप खातों में निवेश किया जाता हैं। एक उप खाता एक म्यूचुअल फंड के जैसा काम करता है। बाकी सभी स्थायी जीवन बीमा की तुलना में औसत से अधिक रिटर्न अर्जित करने की क्षमता सिर्फ वैरिएबल लाइफ इंश्योरेंस के तहत हैं।
जेनरल इंश्योरेंस को आमतौर पर किसी भी इंश्योरेंस के रूप में कह सकते हैं जो जीवन बीमा के लिए निर्धारित नही है। सभी ऐसे प्रॉडक्ट्स जो लाइफ इंश्योरेंस के अंतर्गत नही आता है वह जेनरल इंश्योरेंस कहलाता है। इसमें किसी लाइफ को कवर ना करके किसी महंगे प्रॉडक्ट्स को कवर किया जाता हैं। जेनरल इंश्योरेंस को नॉन लाइफ इंश्योरेंस भी कहा जाता हैं इसके मुख्यत चार प्रकार होते हैं।
आजकल इलाज का खर्चा बहुत तेज़ी से बढ़ता ही जा रहा है। हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर बीमारी होने पर इंश्योरेंस कंपनी इलाज का खर्चा कवर करती है। किसी बीमारी पर होने वाली खर्च की राशी आपकी बीमा पॉलिसी पर निर्भर करती हैं।
अगर आप अपने घर का बीमा किसी साधारण बीमा कंपनी से करवाते हैं तो इससे आपके घर की सुरक्षा होती है। बीमा पॉलिसी कराने के बाद अगर आपके घर में किसी प्रकार की नुकसान बाढ़,भूकंप या किसी आपदा से होता है तो उसका मुवाबज़ा इंश्योरेंस कंपनी देती है।
मोटर या वाहन बीमा पॉलिसी के हिसाब से वाहन को हुए किसी प्रकार के नुकसान के लिए कम्पनी मुवाजबा देती हैं। अगर आपका वाहन चोरी हो गया या उससे कोई दुर्घटना हो गई है तो वाहन बीमा पॉलिसी आपकी काफ़ी मदद करती हैं।
ट्रैवल इंश्योरेंस किसी यात्रा के दौरान होने वाले नुकसान से बचाती हैं। अगर कोई व्यक्ति कही ट्रैवल करने के लिए अपने देश या विदेश में जाता है और उसे चोट लग जाती हैं या उसके साथ किसी प्रकार की कोई दुघर्टना हो जाती हैं तो बीमा कंपनी उसे मुवाबाजा देती हैं। ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी यात्रा शुरू होने से लेकर खत्म होने तक ही वैध होती हैं। ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी में अलग-अलग बीमा कंपनी के अलग-अलग नियम होती है। आमतौर पर ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी बाकी इंश्योरेंस पॉलिसी से सस्ते होते हैं।
इंश्योरेंस लाइफ और जेनरल दो प्रकार के होते हैं।
इंश्योरेंस एग्रीमेंट के अनुसार बीमित से एक फिक्स अमाउंट टर्म एंड कंडीशन के अनुसार लिया जाता है जिसे प्रिमियम कहते हैं।
होल लाइफ इंश्योरेंस को परमानेंट लाइफ इंश्योरेंस कहते हैं। इस इंश्योरेंस के माध्यम से व्यक्ति के पूरे लाइफ को कवर किया जाता है।
जब कोई भी व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस करवाता है तो उसके बिमारी का खर्च पॉलिसी के हिसाब से हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी उठाती है।
लाइफ इंश्योरेंस बीमित व्यक्ति और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होता हैं जिसमे बीमित व्यक्ति को आर्थिक सहायता मिलती हैं।
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