notfound

20% TCS on the credit card

Tax collection at source(TCS)

यह तो आपको पता ही होगा कि हमारे देश में टैक्स की चोरी कितनी आम बात है। इसे करने के बहुत से तरीके होते हैं। लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा आसान और जाना माना तरीका है क्रेडिट कार्ड। यदि आपको नहीं पता तो आइए जानते हैं कैसे? जब भी कोई व्यक्ति भारत के बाहर अपना क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करता है और कुछ खरीदता है तो उसे किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है। इसके साथ ही साथ यदि कोई भारत के अंदर रहकर भी बाहर पैसे भेजता है तो उसे टैक्स नहीं देना पड़ता। कानूनी तौर पर यह टेक्स्ट देना चाहिए लेकिन लोग कोई ठोस कानून ना होने के कारण इस टैक्स को बचा लेते हैं जिसकी वजह से भारत सरकार को बहुत घाटा होता है।

इसी परेशानी से बचने के लिए भारत सरकार ने एक टीसीएस नाम की स्कीम लॉन्च करी है। चलिए जानते हैं कि क्या है टीसीएस?

हाल ही में हुए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बताया कि  पिछले साल 3 करोड रुपए बिजनेस या टूरिज्म के सिलसिले में देश के बाहर गए। वे यह भी कहते हैं की 130 करोड़ जनसंख्या वाले इस देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही इनकम टैक्स भरते हैं। 

भारत सरकार ने इस सिलसिले में जांच करने का की मुहिम उठाई है। उन्होंने यह सोचा है कि अब से इनकम टैक्स रिलेटेड सभी फैसले एवं कार्यवाही सरकार के द्वारा होगी। सरकार यह इंतजार नहीं करेगी कि जो टूरिस्ट्स बाहर चले गए हैं वह वापस आए और टैक्स की पूर्ति करें। इस समस्या से निकलने के लिए सरकार ने एक बेहद ही अचूक तरीका निकाला है। उन्होंने यह तय किया है कि जब कभी भी यह टूरिस्ट देश के बाहर अपना क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करेंगे तो उस पर 20 परसेंट टैक्स भारत सरकार को मिलेगा। चाहे यह लोग दुनिया के किसी भी कोने में अपना क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करें।

किस तरह काम करेगी यह स्कीम?

इस स्कीम को किस तरह मुकम्मल किया जाएगा इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप इजिप्ट में किसी दुकान पर जाकर ₹90 की कोल्ड ड्रिंक खरीदते हैं। आप अपना क्रेडिट कार्ड स्वाइप करके अपना सामान खरीद लेंगे और फिर पूरा दिन बीत जाएगा। जब आप अपना ट्रांजैक्शन देखेंगे तब उसमें एक्स्ट्रा ₹18 भी कट चुके होंगे। इस ट्रांजैक्शन के साथ आपको एक नोट मिलेगा जिसमें लिखा होगा –“Towards Tax Collected at Source (TCS)”.

कौन-कौन सी बैंक होंगी शामिल ?

स्कीम में दुनिया की सभी बैंक शामिल होंगे। हर बैंक की निगरानी में ही यह काम होगा। आपका बैंक जिस भी क्रेडिट कार्ड का होगा वह बैंक आप से पैसा लेकर सीधा भारत सरकार को भेज देगी। यह किसी भी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं है बल्कि एक एक्सपेंस टैक्स है।

स्कीम को जानकर आपको किसी भी प्रकार की हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि भारत सरकार पहले भी ऐसे ट्रांजैक्शंस में 5 परसेंट का टैक्स लेती थी जिसे अब बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। क्या आप पहले कभी भी अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करके दूसरे देश में पैसा भेजते थे तब आपके पैसे कटते थे। लेकिन अब भारत सरकार ने क्रेडिट कार्ड को भी इस स्कीम में शामिल कर लिया है। ताकि उन्हें या करने में 20 साल से अधिक समय लग गया।

अब कोई भी भारतीय इतनी आसानी से डॉलर्स को देश के बाहर नहीं भेज सकता। अब अगर कोई ऐसा करना चाहता है तो उसे Liberalized Remittance Scheme (LRS) के हिसाब से ही यह करना होगा। यदि कोई भारतीय हर साल $250,000 से ज्यादा राशि बाहर भेज रहा है तो उसे पहले से ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की परमिशन लेनी पड़ेगी। अन्यथा आपको कानूनी कार्रवाई से गुजारना पड़ेगा। अभी से पहले तक क्रेडिट कार्ड को इस स्कीम में शामिल नहीं किया गया था। रूल बुक के कानून सेवन में क्रेडिट कार्ड को इस स्कीम से दूर रखने का कानून लिखा है। इसी की वजह से बहुत से पैसे वाले लोग देश के बाहर खूब सारी खरीदारी करते थे और इस लिमिट को पार कर जाते थे।

स्कीम से होने वाले नुकसान ?

बैंक के लिए भारत सरकार को बार-बार यह पैसे भेजना इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि कार्ड ट्रांजैक्शंस नेट बैंकिंग से अलग होते हैं। जब भी कोई व्यक्ति अपना क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता है तो यह ट्रांजैक्शन बैंक की टू डू लिस्ट में ऐड हो जाता है। सोचिए एक इंसान दिन भर में जितनी बार भी अपना क्रेडिट कार्ड स्वाइप करेगा उतनी बार यह एक नया काम बैंक की टू डूलिस्ट में ऐड हो जाएगा। उसके बाद बैंक को अलग-अलग करके इन सभी टैक्सेस को भारत सरकार को भेजना पड़ेगा। जो कि वाकई में एक बेहद ही सर दर्द वाला काम है। 

सिर्फ इतना ही नहीं जो लोग इस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेंगे उन्हें भी अब ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। अब हर चीज की कीमत ज्यादा महंगी हो जाएगी और तो और आपको अपॉर्चुनिटी कॉस्ट भी देनी पड़ेगी। जैसे कि यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड से ₹300000 स्वाइप करते हैं तो आपको उसी वक्त भारत सरकार को ₹60000 का टैक्स देना पड़ेगा। टैक्स काफी ज्यादा है जिसे आप वापस क्लेम भी नहीं कर सकते। 

इस स्कीम से होने वाले फायदे?

सूत्रों की माने तो भारत सरकार के पूरे टैक्स कलेक्शन का 40% स्कीम से आ रहा है। भारत सरकार के लिए यह स्कीम एक बहुत ही लाभदायक साबित होगी। फाइनेंशियल ईयर 2023 में फरवरी से अप्रैल तक कुल मिलाकर 90000 करोड रुपए दूसरे देश में खर्च किए गए हैं। पिछले फाइनेंशियल ईयर के मुकाबले यह राशि बहुत ज्यादा है। इस पूरी राशि पर 20% टैक्स भारत सरकार को मिलेगा क्योंकि वाकई में काफी ज्यादा राशि होगी।

किन हालात में यह स्कीम लागू नहीं होती ?

यदि आप पढ़ाई या मेडिकल इलाज की स्थिति में अपना पैसा बाहर भेज रहे हैं या बाहर खर्च कर रहे हैं तो यह स्कीम लागू नहीं होती। इस स्कीम को बनाने में यह पूरा ध्यान दिया गया है कि किसी भी स्थिति में किसी जरूरतमंद का नुकसान ना हो।

तो ये थी टीसीएस टैक्स जिसे भारत सरकार ने हाल ही में लॉन्च किया है। आपको क्या लगता है क्या आम नागरिकों को इस टैक्स से परेशानी का सामना करना पड़ेगा या नही, कमेंट करके हमें जरुर बताएं, साथ ही इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें, धन्यवाद।

categories:

About the Author

Utpal Raj

Utpal Raj is a finance content writer with over a year of experience. I have written many finance news and evergreen content to provide financial literacy to the readers.

Leave A Comment